Saturday, February 28, 2009
अनजान शहर
अनजान शहर और दूर एक मंज़िल,
जाना पहचाना सा रास्ता और सीने मैं एक दिल,
कभी दिल के बहुत पास, तो कभी बहुत दूर,
मगर यह दिल जीतने पर मज़बूर,
प्यार करना ही नही आज लक्श्य मेरा,
जीत कर हार देना ही आज भाग्य मेरा,
पाकर खोना चाहता हूँ तुम्हे मैं,
जैसे मरकर फिर जीना चाहता हूँ मैं,
उस प्यार की तलाश में
उस अधूरेपन की तलाश में,
मैं बड़ा जा रहा था,
दिखी तुम उस समय की तरह,
जो महसूस करने से पहले बीत गया,
याद रही उस सपने की तरह,
जो सपना बन कर रह गया,
चाहत उस घाव की तरह,
जो भरना ही नही चाहती,
तुमने आकर मेरी तलाश ख़त्म की,
जैसे जीवन जीने की आस ख़त्म की...........
Wednesday, February 18, 2009
पानी की बूँद
Monday, February 2, 2009
Completely Incomplete
Trying to write since many days but could not write a full meaningful thing. So few completely incomplete stuff...
नम है फिर आज मेरा मॅन
और आँखें साथी मॅन की
होठ मेरे कंपकँपाते
हाथ भी हैं थरथराते
बोलता कुछ और ही हूँ,
चाहता पर कुछ और.....
one more...
नींव मेरी मेरा मॅन,
पानी सा मेरा जीवन,
ढल जाउन किसी भी रंग मैं,
पर बहुँ बस तेरी ओर,
तुम हो जैसे एक सागर,
मैं अगर नदी बन जाउन,
मिलता हूँ पल पल मैं तुम मैं,
मॅन तुम्हारा पर बड़ा विशाल,
और कभी बारिश मैं बन के,
मुस्कुराहट ले आता हूँ,
रूप तुम भी हो बदलती,
मैं तो बस पानी समान,
one more
यह कौन मेरे शहर मैं नया आया है,
अपने रंग और अपनी हँसी साथ लाया है....
now the final incomplete one
Blind by choice
and
Deaf by noise
I am breathing pain
in my own my world...
Travelling back and forth
with empty heart
sitting helplessly sad
with my smoke filled self
I am watching you
going some place else.....
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