Thursday, May 14, 2009

दोस्ती हो तुम या दोस्त मेरे

दोस्ती हो तुम या दोस्त मेरे,
एहसास हो तुम, या साथ मेरे,

मन की विपदाओं को,
और जीवन की सच्चाई को,
उत्साह से झेलने का एक सहारा,
और चिर हर्ष लिए तुम पार्थ मेरे,

पहलू मेरी पहचान के,
मिट्टी मेरे ख्वाबों के,
जीवन रूपी शाक के,
फल भी तुम, फूल भी तुम,

तस्वीरों में रंग हो तुम,
मन में कुछ रखा समय,
और परछाई हँसी की जैसे,
तुम शीतल मधु और पर्याय मेरे,

कौन हो तुम बताओ ना,
खुशी साथी या ख्वाब,
या तुम प्रतिबिंब मेरे मन का,
दोस्ती हो तुम या दोस्त मेरे…

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