जिंदगी क्या किसी मोड़ पे जा के ख़तम हो जायेगी या यह मोड़ कहीं अंधेरे मैं गुम हो जायेंगे. अगर मेरी जिंदगी का अंत एक अंधेरे का गुबार है तो क्यों मुझमे कुछ पाने का लालच है, क्योंकि मैं इस अंधेरे के पहले ही रौशनी मैं गुम हो जाना चाहता हूँ और इस रोशनी के पीछे मैं मरते दम तक भागूंगा. सब यही करते हैं और मैं भी इस्सी कोशिश मैं एक दिन अँधेरा बन जाऊँगा…
VikasP.S. - This is first note i have ever written for myself.
3 comments:
Waw!!!!!!!!!!!
Touching tha.
Nice start again.
awesome buddy!!!
keep rolling....
sub roshni ki talash me hai bhai tuje mil jaye so work hard for that
Post a Comment